नादानी ही हो गई तो अब गम है तो क्या। नादानी ही हो गई तो अब गम है तो क्या।
तेरे सिवा कोई और नहीं नहीं मतलब नहीं। तेरे सिवा कोई और नहीं नहीं मतलब नहीं।
मंडरा रही है मौत सभी पर, बच जाओ या स्वयं मरो। मंडरा रही है मौत सभी पर, बच जाओ या स्वयं मरो।
खुद ही में खुद मुस्कुराता हूँ खुद ही में खुद मुस्कुराता हूँ
चेहरा मन का आईना है कितना पाक सफीना है खुदा की नेमत है यह जो खूबसूरत चेहरा मिला चेहरा मन का आईना है कितना पाक सफीना है खुदा की नेमत है यह जो खूबसूरत चेहरा मि...
कौन हूँ टटोल कर देखूँ ज़रा भूमिकाओं के उपनगर में सिमटी रही हूँ मैं सदा ! पुत्री, सखी, पत्नी, माता ब... कौन हूँ टटोल कर देखूँ ज़रा भूमिकाओं के उपनगर में सिमटी रही हूँ मैं सदा ! पुत्री...